Dua e Qunoot Hindi Me : नमाज़ हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें अल्लाह से जुड़ने और उसकी बारगाह में अपनी दुआएं मांगने का मौका देती है। नमाज़ के अंदर कई ऐसी दुआएं हैं जो अलग-अलग स्थितियों में पढ़ी जाती हैं। इनमें से एक खास दुआ है दुआए कुनूत।
दुआए कुनूत क्या है?
दुआए कुनूत, विट्रे (वितर) की नमाज़ में पढ़ी जाने वाली एक विशेष दुआ है। विट्रे रात की आखिरी नमाज़ होती है। जब हम इस नमाज़ में रुकू और साजदा के बाद खड़े होते हैं, तो इसी दौरान दुआए कुनूत पढ़ी जाती है।
अरबी:
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ
اللَّهُمَّ اهْدِنِي فِي مَنْ هَدَيْتَ ، وَ عَافِنِي فِي مَنْ عَافَيْتَ ، وَتَوَلَّنِي فِيمَنْ تَوَلَّيْتَ، وَبَارِكْ لِي فِيمَا أَعْطَيْتَ ، وَقِنِي شَرَّ مَا قَضَيْتَ، فَإِنَّكَ تَقْضِي وَلَا يُقْضَى عَلَيْكَ، وَإِنَّهُ لَا يَذِلُّ مَنْ وَالَيْتَ ، تَبَارَكْتَ رَبَّنَا وَ تَعَالَيتَ۔
हिंदी अनुवाद:
अल्लाहुम्मदिनी फीमन हदैत, वआफिनी फीमन आफैत व तवल्लनी फीमन तवल्लैत, वबारिक ली फीमा अस्त, वकिनी शर-र मा कज़ैत, फइन्न-क तकज़ी वायुकज़ा अलैक, वइन्नहू ला यजिल्लु मंव वालैत, तबारक – रब्बना व तआलैत
अंग्रेजी अनुवाद:
Allahumma ihdini feeman hadayt, wa a’fini fiman afait, wa tawallani fiman tawallait, wa barik Li fima atait, wa qini sharra ma qadait, fa Innaka taqdi wa la yuqda Alaik, wa innahu la yadhillu man walait, tabarakta Rabbana wa ta’alait
क्यों पढ़ी जाती है दुआए कुनूत?
दुआए कुनूत को अक्सर मुसीबतों, विपदाओं, दुश्मनों से बचाव के लिए पढ़ा जाता है। यह एक ऐसी दुआ है जिसके माध्यम से हम अल्लाह से अपनी हिफाजत और मदद की गुहार लगाते हैं। माना जाता है कि इस दुआ को पढ़ने से अल्लाह की रहमत और कृपा प्राप्त होती है और हमारी हर मुश्किल आसान हो जाती है।
कैसे पढ़ी जाती है दुआए कुनूत?
दुआए कुनूत को आवाज़ में या मन ही मन पढ़ा जा सकता है। इसे विट्रे की नमाज़ में रुकू और साजदा के बाद खड़े होकर पढ़ा जाता है।
दुआए कुनूत का महत्व
दुआए कुनूत का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। यह हमें अल्लाह से जुड़े रहने और उसकी ताकत पर विश्वास करने की सीख देती है। जब हम मुश्किलों में होते हैं तो यह दुआ हमें हिम्मत और उम्मीद देती है।
निष्कर्ष
दुआए कुनूत एक ऐसी दुआ है जो हमें अल्लाह के करीब लाती है। यह हमें मुसीबतों से बचाने और खुशहाल जीवन जीने की तौफीक देती है। इसलिए हमें नियमित रूप से इस दुआ को पढ़ना चाहिए और अल्लाह की बारगाह में अपनी दुआएं मांगनी चाहिए।
दुआए कुनुूत, विट्रे (वितर) की नमाज़ में पढ़ी जाने वाली एक विशेष दुआ है। इसे अक्सर मुसीबतों, विपदाओं, दुश्मनों से बचाव के लिए पढ़ा जाता है।